SHEIKHPURA: आधारशीला के पांच वर्षो के बाद भी नही बना सड़क तो ग्रामीणों ने चंदा कर श्रमदान से शुरू किया सड़क निर्माण ,सीओ व बीडीओ ने रोका निर्माण कार्य

चंदन कुमार/शेखपुरा।
इस सरकार में आप कोई बढ़िया काम करना चाहते है तो भूल जाये,अन्यथा आप पर कानूनी करवाई हो सकती है। पिछले चार वर्षों से आधारशिला रखे सड़क का निर्माण नही हुआ तब थकहार ग्रामीणों ने श्रमदान के तहत चंदा इकट्ठा कर सरकार निर्माण कार्य शुरू कर दिया। लेकिन सूबे के मुखिया के अधिकारियों को रास नही आया और सड़क निर्माण को अवरुद्ध कर दिया। जिससे सड़क निर्माण कार्य रुक गया है।

दरअसल,सड़क निर्माण की सरकारी आस टूटी तो चेवाड़ा प्रखंड के नारायणपुर गांव के ग्रामीणों ने आपस में ही चंदा कर श्रमदान से सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया। पर ग्रामीणों के सराहनीय प्रयास पर अधिकारियों को रास नही आया और दूसरे के खेत से मिट्टी कटाई का आरोप लगाकर सड़क निर्माण पर रोक लगा दिया। आक्रोशित लोगी शनिवार को गांव के सैकड़ो ग्रामीण चेवाड़ा प्रखंड पहुंचकर बीडीओ और सीओ के खिलाफ हंगामा मचाया।
ज्ञात हो कि दलित और पिछड़ा बहुल एक हजार की आवादी वाले इस गांव को आजादी के बाद से ही गांव से मुख्य सड़क तक जोड़ने वाली पथ नसीव नहीं हो पाया है। जनप्रतिनिधियों और सरकार से इस सड़क का निर्माण कार्य की आस टूटने पर ग्रामीणों ने आपस में ही चंदा कर मोर्टबुल सड़क निर्माण का बीड़ा उठाया था। पर ग्रामीणों का यह अधिकारियों ने सड़क निर्माण कार्य मे प्रतिवंध लगा दिये जाने से निर्माण कार्य ही ठप्प हो गया है।
वर्ष 2013 में हुआ था शिलान्यास?
ग्रामीण सुनील,मनोज,जितेंद्र महतो आदि ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से आठ जुन 2013 में तत्कालीन सांसद भूदेव चौधरी ने इस सड़क निर्माण की आधारशीला रखी था। तब से लेकर अबतक इस शिलापट्ट लगाने के अलावा एक भी काम नहीं हुआ है। ग्रामीण ने बताया कि दो करोड़ 45 लाख की लागत से कुरमुरी से लुटौत तक चार किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण की निर्माण की आधारशीला रखी गई थी। लेकिन शिलान्यास का पत्थर भी कपड़ा धोने का पत्थर बनकर रह गया है। मुख्य सड़क से गांव की दूरी डेढ़ किलोमीटर की है। सड़क निर्माण नहीं होने से बरसात में ग्रामीणों को घुटने भर कीचड़ में प्रवेष कर आना - जाना पड़ता है।

ठेकेदार भाग गया है काम छोड़कर?
सड़क निर्माण शुरू नहीं होने पर सफाई देते हुए आरईओ के एक्जक्यूटिव इंजीनियर सैयद जीमल असगर ने कहा कि ठेकेदार द्वारा मिट्टी भराई का काम कर काम छोड़ दिया गया है। इस ठेकेदार को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। मो0 असगर ने बताया कि अब स्टीमेट रिवाइज करने के लिए चीफ इंजीनियर के पास भेजा गया है। चीफ इंजीनियर से ही झंडी मिलने के बाद नये सिरे से निविदा निकालकर काम शुरु कर दिया जायेगा।

गौरतलब है कि यही समाज मे कोई अच्छा काम करते है कई तरह की बाधाएं आती है,लेकिन ये बाधा सिर्फ कमीशनखोरी के हुई है। फिलहाल ये देखना होगा कि सड़क निर्माण कार्य कब तक पूर्ण होती है

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