अबैध उत्खनन
शेखपुरा के बिभिन्न पहाड़ी इलाको में इन दिनों पत्थर माफियाओ कि बोलबाला है .कहने को तो सरकारी आकड़ो के अनुसार जिले में लगभग 450 पहाड़ी भूखंडो में मात्र 90 पहाड़ी भूखंडो पर ही उत्खनन का लीज अब बचा हुआ है तथा शेष भूखंडो का लीज समाप्त हो जाने के कारण कागजो पर यह उत्खनन कार्य बंद दिखाया जा रहा है.जबकि हकीकत आपके के सामने है .आज भी बंद हुए तमाम पहाड़ी भूखंडो के 70 से 80 प्रतिशत भूखंडो में अबैध उत्खनन जारी है .अबैध उत्खनन करने वाले पत्थर माफियाओ के लिए कारे,चांदी वृन्दावन ,चकंद्रा ,कट्नीकोल तथा पचना का पहाड़ी सुरक्षित जोन माना जा रहा है.अबैध उत्खनन करने के दौरान अक्सर पत्थर कारोबारियों के द्वारा बड़े बारूदी विस्फोट भी कराये जाते है .जिससे जान -माल कि क्षति होती है .ग्रामीण इसकी शिकायत भी अधिकारियो से करते है लेकिन अबैध उत्खनन का धंधा बेरोकटोक चलते रहता है.
खनन अधिकारी कि बातो में कितना दम है या फिर इसके क्या परिणाम भविष्य में सामने आयेंगे या तो अभी कहना थोडा कम होगा लेकिन हकीकत यही है कि शेखपुरा में अबैध उत्खनन का कारोबार तेज गति से फ़ैल रहा है .जिससे राजस्व कि क्षति तो हो ही रही है साथ ही अबैध उत्खनन में हिस्सेदारी के लिए गैंगवार कि संभावनाएं भी प्रबल होती दिख रही है .समय रहते सरकार इस पर ध्यान नहीं दिया तो सरकार के लिए शेखपुरा का यह पहाड़ी भूखंड मुसीबत पैदा कर सकता है .
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