झरझरी कोच पर पाबन्दी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एबम परिवहन बिभाग के निर्देशानुसार बिहार में जुगाड़
टेक्नोलोजी के तहत बनाये गये झरझरी कोच पर पाबन्दी लगा दी गयी है .लेकिन अभी
तक इस गैर निबंधित एबम अनाधिकृत वाहन को रोकने के दिशा में जिला प्रशासन
द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है .इस अनाधिकृत वाहन के बेरोक-टोक परिचालन
शेखपुरा कि सडको को बेरोकटोक तेज रफ़्तार में दौड़ रहे इस जुगाड़
टेक्नोलोजी के तहत बनाये गये झरझरी वाहन को जरा गौर से देखिये. तीन पहिये के
इस जुगाड़ वाहन को ग्रामीण भाषा में झरझरी कोच का नाम दिया है .इस पर लोग
सामान के साथ-साथ यात्रियों को ढोने में बखूबी इस्तेमाल कर रहे है .इस वाहन
को बनाने में न तो कोई इंजिनियर का दिमाग लगा है और न ही किसी कम्पनी के
द्वारा बनाया गया है .यही कारण है कि इस वाहन का न तो कोई निबंधन होता है और न
ही वाहन मालिक के द्वारा कोई टैक्स कि अदायगी होती है .साथ ही दुर्घटना होने
कि स्थिति में पीड़ित परिवार को किसी तरह के वाहन बीमा का फायदा भी नहीं हो
पाता .हाल ही में न्यायलय के निर्देश पर बिहार सरकार ने ऐसे वाहनों के परिचालन
पर हर हालत में रोक लगाने का निर्देश सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को दिया है
.ऐसी हालत में दो जून कि रोटी के जुगाड़ में लगे झरझरी कोच चालको के समक्ष
रोजगार कि चिंता सताने लगी है .
परिवहन बिभाग के अधिकारी का कहना है कि चूँकि इस तरह के जुगाड़ वाहनों में
मशीन का प्रयोग हो रहा है ,लिहाजा बिना निबंधन के परिचालन कि अनुमति नहीं दी
जा सकती .लेकिन यह जुगाड़ वाहन का निर्माण न तो किसी कम्पनी के द्वारा किया
गया है और न ही इसमें ब्रेक या गियर है ऐसी स्थिति में इसका निबंधन संभव नहीं
है .जिसके वजह से हर हालत में इसको सड़क पर चलने कि अनुमति नहीं दी जाएगी
.हालाँकि उन्होंने बताया कि इस तरह के वाहन गुजरात में बनाये जाते है और
कम्पनी अपना ब्रांड देकर बेच रही है .साथ ही इसका निबंधन भी वहा हो रहा है .
टेक्नोलोजी के तहत बनाये गये झरझरी कोच पर पाबन्दी लगा दी गयी है .लेकिन अभी
तक इस गैर निबंधित एबम अनाधिकृत वाहन को रोकने के दिशा में जिला प्रशासन
द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है .इस अनाधिकृत वाहन के बेरोक-टोक परिचालन
से एक तो परिवहन बिभाग कि राजस्व कि हानि हो रही है वही दूसरी ओर दुर्घटना कि
स्थिति में पीड़ित परिवार को वाहन दुर्घटना बीमा का कोई लाभ नहीं मिल पाता है .शेखपुरा कि सडको को बेरोकटोक तेज रफ़्तार में दौड़ रहे इस जुगाड़
टेक्नोलोजी के तहत बनाये गये झरझरी वाहन को जरा गौर से देखिये. तीन पहिये के
इस जुगाड़ वाहन को ग्रामीण भाषा में झरझरी कोच का नाम दिया है .इस पर लोग
सामान के साथ-साथ यात्रियों को ढोने में बखूबी इस्तेमाल कर रहे है .इस वाहन
को बनाने में न तो कोई इंजिनियर का दिमाग लगा है और न ही किसी कम्पनी के
द्वारा बनाया गया है .यही कारण है कि इस वाहन का न तो कोई निबंधन होता है और न
ही वाहन मालिक के द्वारा कोई टैक्स कि अदायगी होती है .साथ ही दुर्घटना होने
कि स्थिति में पीड़ित परिवार को किसी तरह के वाहन बीमा का फायदा भी नहीं हो
पाता .हाल ही में न्यायलय के निर्देश पर बिहार सरकार ने ऐसे वाहनों के परिचालन
पर हर हालत में रोक लगाने का निर्देश सभी जिला परिवहन पदाधिकारियों को दिया है
.ऐसी हालत में दो जून कि रोटी के जुगाड़ में लगे झरझरी कोच चालको के समक्ष
रोजगार कि चिंता सताने लगी है .
परिवहन बिभाग के अधिकारी का कहना है कि चूँकि इस तरह के जुगाड़ वाहनों में
मशीन का प्रयोग हो रहा है ,लिहाजा बिना निबंधन के परिचालन कि अनुमति नहीं दी
जा सकती .लेकिन यह जुगाड़ वाहन का निर्माण न तो किसी कम्पनी के द्वारा किया
गया है और न ही इसमें ब्रेक या गियर है ऐसी स्थिति में इसका निबंधन संभव नहीं
है .जिसके वजह से हर हालत में इसको सड़क पर चलने कि अनुमति नहीं दी जाएगी
.हालाँकि उन्होंने बताया कि इस तरह के वाहन गुजरात में बनाये जाते है और
कम्पनी अपना ब्रांड देकर बेच रही है .साथ ही इसका निबंधन भी वहा हो रहा है .
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