स्वर्णकार संघ की दुर्गा प्रतिमा

 दशहरा पर देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने का शेखपुरा में इतिहास ढाई सौ साल पुराना है। बताया जाता है कि शहर के स्वर्णकारों ने सबसे पहले सन 1760 के आसपास मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की थी। तब यहां के स्वर्णकार समाज के जाने-माने दाहू सोनार के परदादा ने प्रतिमा स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अब वर्तमान में दाहू सोनार का कोई सदस्य शेखपुरा में नहीं है। सबसे पुरानी प्रतिमा के कारण सोनरवा दुर्गा को शेखपुरा की बड़ी महारानी का दर्जा प्राप्त है। पूजा समिति से जुड़े अशोक कुमार स्वर्णकार बताते हैं कि आजादी के काफी साल पहले इस प्रतिमा के विसर्जन जुलूस की शोभा यात्रा को लेकर विवाद हुआ था तो इसका निर्णय इग्लैंड की तत्कालीन महारानी एलिजावेथ ने किया था तथा पूजा समिति के पक्ष का समर्थन किया था। सबसे पहले यह प्रतिमा मड़पसौना में स्थापित की गयी थी। बाद में स्वर्णकार समाज के लोगों ने 1960 के दशक के कमिश्नरी बाजार में स्थायी स्थान दे दिया।

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