विकास की हकीकत का सच

सरकारी स्वास्थ्य व्यबस्था में सुधार के लाख दावे कर ले .लेकिन हकीकत यह है कि आज भी सरकारी अस्पतालों से चिकित्सको फरार रहकर अपना निजी क्लिनिक चलाने में मशगुल रहते है .इतना ही नहीं वह सीना ठोककर कहते भी  है कि सरकारी अस्पताल इन्फ्रास्ट्रकचर मामले में कमजोर है .लिहाजा मरीजो कि मांग पर वह निजी नर्सिंग होम में भी बुलावा पर सरकारी डियूटी छोड़कर चले जाते है .ये है शेखपुरा का श्री राम नर्सिंग होम जहाँ बी.पी.एल.कार्डधारी का ओपरेशन तथा इलाज होता है .नर्सिंग होम में स्थायी तौर पर एक भी चिकित्सक नहीं है और शेखपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में काम करने वाले डॉ.वीरेंदर तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.अशोक कुमार के द्वारा चलाया जाता है .यही कारण है कि मरीजो का इलाज कर रहे ये डॉ.वीरेंदर प्रसाद सरकारी अस्पताल छोड़कर नर्सिंग होम में इलाज कर रहे है .इतना ही नहीं जब उनसे पूछा गया तो उनका तर्क था कि सदर अस्पताल में इन्फ्रास्ट्रकचर कि कमी है .साथ ही जब कभी भी यहाँ से बुलाबा आता है तो वह चले आते है .नियमत: डाक्टर साहब के इस वक्त (12 बजे दिन )सरकारी अस्पताल में होना चाहिए.लेकिन ये क्या कर रहे है .आप ही स्वंय भी सुन लीजिये .जब इस सम्बन्ध में सिविल सर्जन से पुछा गया तो उन्होंने गंभीर मामला बताते हुए डियूटी से फरार चिकित्सक से जबाब-तलब करते हुए सरकार से लिखने के बारे कहा है .

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