बिहार पुलिस नहीं बर्बर पुलिस

राज्य के पुलिस प्रमुख पुलिसकर्मियों को जितना पुलिस फ्रेन्डली होने का पाठ पढ़ा रहे हैं उनकी पुलिस उतनी ही ‘अनफ्रेन्डली’ होती जा रही है। ताजा उदाहरण शेखपुरा के बरबीघा का है। शेखपुरा एसपी बाबु राम के निर्देश पर बरबीघा पुलिस ने 24 जनवरी को बरबीघा थाना के तेईपर मोहल्ले से एक पच्चीस वर्षीय युवक मुकेश उर्फ छोटी को अवैध शराब बिक्री में संलिप्ता के कथित आरोप में गिरफ्तार कर लिया। मुकेश को एसपी आवास ले जाया गया जहां उसे छोड़ने के एवज में भारी राशि की मांग की गई। जब मुकेश ने किसी तरह के शराब व्यवसाय में अपनी संलिप्तता होने से इनकार करते हुए नजराना देने से मना कर दिया तो एसपी के निर्देश पर उसके गुप्तांगों सहित शरीर के अन्य हिस्सों पर इतनी पिटाई की गई जिससे वह वहीं बेहोश हो गया। बाद में पुलिसकर्मियों ने उसे थाने लाया जहां उसकी हालत सुधरने के बजाए बिगड़ती चली गई। उसकी हालत बिगड़ती देख पुलिस ने 25 जनवरी को उसे चुपके पटना के पीएमसीएच में दाखिल कराया जहां आंत के आॅपरेशन के बाद भी आसीयू में भर्ती मुकेश की हालत नाजुक बनी हुई है। उसकी हालत नाजुक देख पुलिस वालों ने उसके परिजनों को खबर दी। घटना की खबर पाकर पीएमसीएच पहुंचा मुकेश का भाई रीतेश अपने भाई की हालत देख फूट पड़ा। जब एसपी स्तर के अधिकारी ही पैसों के लिए इस तरह की बर्बरतर पर उतर आएं तो कनीय अधिकारियों से क्या अपेक्षा की जा सकती है। 
CHANDAN KUMAR SHEIKHPURA

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