अबैध पत्थर उत्खनन
-बिहार सरकार के आदेश पर राज्य के तमाम पहाड़ी भूखंडो पर नया लीज तथा बंदोबस्ती रोक दी गयी है .साथ ही अबैध उत्खनन पर भी पूर्णरूपेण पाबन्दी लगा दी गयी है .लेकिन हकीकत इसके विपरीत है .आज भी शेखपुरा के कई इलाको में लीज कि अबधि समाप्त हो जाने के वाबजूद पत्थर उत्खनन जारी है .यानी यूँ कहे कि अबैध पत्थर उत्खनन का धंधा इन दिनों शेखपुरा में जोरो से जारी है .इस धंधे में पत्थर माफिया कि चांदी तो कट ही रही है .अधिकारी भी मालामाल हो रहे है .
CHANDAN KUMAR
SHEIKHPURA
vo /1 -शेखपुरा के बिभिन्न पहाड़ी इलाको में इन दिनों पत्थर माफियाओ कि बोलबाला है .कहने को तो सरकारी आकड़ो के अनुसार जिले में लगभग 450 पहाड़ी भूखंडो में मात्र 30 पहाड़ी भूखंडो पर ही उत्खनन का लीज अब बचा हुआ है तथा शेष भूखंडो का लीज समाप्त हो जाने के कारण कागजो पर यह उत्खनन कार्य बंद दिखाया जा रहा है.जबकि हकीकत आपके के सामने है .आज भी बंद हुए तमाम पहाड़ी भूखंडो के 70 से 80 प्रतिशत भूखंडो में अबैध उत्खनन जारी है .अबैध उत्खनन करने वाले पत्थर माफियाओ के लिए कारे,चांदी वृन्दावन ,चकंद्रा ,कट्नीकोल तथा पचना का पहाड़ी सुरक्षित जोन माना जा रहा है.अबैध उत्खनन करने के दौरान अक्सर पत्थर कारोबारियों के द्वारा बड़े बारूदी विस्फोट भी कराये जाते है .जिससे जान -माल कि क्षति होती है .ग्रामीण इसकी शिकायत भी अधिकारियो से करते है लेकिन अबैध उत्खनन का धंधा बेरोकटोक चलते रहता है.अबैध उत्खनन के इस धंधे में पत्थर माफियाओ के साथ-साथ अधिकारियो के भी चांदी कटती है .यही कारण है कि अधिकारी भी उस इलाके में जाकर खानापूर्ति कर लेते है जहाँ या तो अबैध उत्खनन पहले से बंद है या फिर अधिकारी एबम पुलिसकर्मी के द्वारा छापेमारी कि सुचना पूर्व दे दी जाती है .दबी जुवान से तो पत्थर कारोबारी यहाँ तक बताते है कि हर माह थाना से पैथर मोबाइल पुलिस आकर माह्बारी दो हजार रूपया नजराना ले जाता है .ऐसी हालत में अबैध उत्खनन पर रोक कि बात करना किस हद तक सही है .
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