शेखपुरा: आदेश हाई कोर्ट का , रोटियां सेकने में लगे राजनीतीक दल
चन्दन कुमार/शेखपुरा।
हाई कोर्ट के आदेश पर जिला के तालाबो को अतिक्रमण से मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है पर अब राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेंकने में लगी हुई है। सबसे पहले तो लोजपा सांसद चिराग पासवान अपने राजनीतिक रोटियां सेंकने में दिखे ,अब उनके देखा - देखी में सीपीआई भी आ गयी है और तमाम दल इसका जिम्मेवार मुख्यमंत्री को ठहरा रहे है।
अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कहा कि शेखपुरा के बंगाली पर रहने वाले सैकड़ों परिवारों को उजड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बगैर पुनर्वास के कैसे इन परिवारों के घरों को उजाड़ा जा सकता है। उन्होंने नीतीश सरकार पर दलितों एवं महादलितों पर अत्याचार किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में लगातार दलित और महादलित को शोषण का शिकार बनाया जा रहा है परंतु इस अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा था कि बंगाली पर रहने वाले सैकड़ों परिवार वर्षों से यहां रह रहे हैं और अब अचानक उन्हें वहां से तुरंत हटने को कहा जा रहा है। ऐसे में यह कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अतिक्रमण का दावा कर रही है तो फिर पहले इन परिवारों को पुनर्वास योजना से लाभांवित किया जाना चाहिए और दूसरे जगह उनके रहने की व्यवस्था किए जाने के बाद ही अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए था। परंतु सरकार ने इस दिशा में कोई कदम उठाना जरुरी नहीं समझा। अब सांसद का इसका लाभ होते देख हिस्सा झपटने के लिए सीपीआई भी मैदान में उतर गई है। सीपीआई भी अब उनके सुर में सुर मिला रहे है। सीपीआई के जिला सचिव प्रभात पांडेय ने आज पूरे शहर में प्रदर्शन कर जिला समाहरणालय में धरना दिया और डीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि सरकार पहले गरीबो का पुर्नवास की व्यवस्था करे ,फिर अतिक्रमण हटाये।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश पर शहर के 61 तालाबो को अतिक्रमण से मुक्त कराना है। इसके लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। लेकिन शहर के बंगाली पोखर पर लगभग 200 अतिक्रमकारियो ने कब्ज़ा जमा रखा है। अब बंगाली पोखर को अतिक्रमकारियो से मुक्त कराना है। बहरहाल इस मामले में अब राजनीतिक दल अपनी -अपनी रोटियां सेंकने में लगी हुई है।
हाई कोर्ट के आदेश पर जिला के तालाबो को अतिक्रमण से मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है पर अब राजनीतिक दल अपनी रोटियां सेंकने में लगी हुई है। सबसे पहले तो लोजपा सांसद चिराग पासवान अपने राजनीतिक रोटियां सेंकने में दिखे ,अब उनके देखा - देखी में सीपीआई भी आ गयी है और तमाम दल इसका जिम्मेवार मुख्यमंत्री को ठहरा रहे है।
अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर लोजपा सांसद चिराग पासवान ने कहा कि शेखपुरा के बंगाली पर रहने वाले सैकड़ों परिवारों को उजड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बगैर पुनर्वास के कैसे इन परिवारों के घरों को उजाड़ा जा सकता है। उन्होंने नीतीश सरकार पर दलितों एवं महादलितों पर अत्याचार किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में लगातार दलित और महादलित को शोषण का शिकार बनाया जा रहा है परंतु इस अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने ये भी कहा था कि बंगाली पर रहने वाले सैकड़ों परिवार वर्षों से यहां रह रहे हैं और अब अचानक उन्हें वहां से तुरंत हटने को कहा जा रहा है। ऐसे में यह कैसे संभव है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अतिक्रमण का दावा कर रही है तो फिर पहले इन परिवारों को पुनर्वास योजना से लाभांवित किया जाना चाहिए और दूसरे जगह उनके रहने की व्यवस्था किए जाने के बाद ही अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए था। परंतु सरकार ने इस दिशा में कोई कदम उठाना जरुरी नहीं समझा। अब सांसद का इसका लाभ होते देख हिस्सा झपटने के लिए सीपीआई भी मैदान में उतर गई है। सीपीआई भी अब उनके सुर में सुर मिला रहे है। सीपीआई के जिला सचिव प्रभात पांडेय ने आज पूरे शहर में प्रदर्शन कर जिला समाहरणालय में धरना दिया और डीएम को ज्ञापन भी सौंपा है। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा कि सरकार पहले गरीबो का पुर्नवास की व्यवस्था करे ,फिर अतिक्रमण हटाये।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश पर शहर के 61 तालाबो को अतिक्रमण से मुक्त कराना है। इसके लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। लेकिन शहर के बंगाली पोखर पर लगभग 200 अतिक्रमकारियो ने कब्ज़ा जमा रखा है। अब बंगाली पोखर को अतिक्रमकारियो से मुक्त कराना है। बहरहाल इस मामले में अब राजनीतिक दल अपनी -अपनी रोटियां सेंकने में लगी हुई है।
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