SHEIKHPURA: डिबरी से लगी आग, मजदूर का आशियाना खाक
चन्दन कुमार/शेखपुरा।
सदर प्रखंड अंतर्गत कटारी गांव में बीती रात्रि अगलगी की घटना में एक मजदूर परिवार की जिंदगी भर की कमाई देखते ही देखते खाक हो गयी। इस दौरान इस परिवार का आशियाना जहां धू -धू कर पूरी तरह जल गया, वही घर में रखें अनाज कपड़े समेत सारी सामग्री भी आग की भेंट चढ़ गई। जानकारी के मुताबिक दूसरे के खेतों में मजदूरी कर अपने परिवार का किसी प्रकार भरण पोषण करने वाले अरुण सिंह उनकी पत्नी इंदु देवी अपने बच्चों के साथ बीती रात्रि अपने झोपड़ीनुमा घर में सो रहे थे। इसी क्रम में जल रही डिबरी से अचानक उनकी झोपड़ी में आग लग गई देखते ही देखते परिजनों की चीखने चिल्लाने की आवाज वहां गूंजने लगी और वे लोग किसी प्रकार अपने घर से बाहर निकलने में सफल हुए। इस अगलगी की घटना में जहां परिवार के सदस्य बाल -बाल तो बच गए ,परंतु उनके घर के साथ-साथ घर में रखी सारी सामग्री जलकर खाक हो गई और मजदूर की जिंदगी भर की कमाई नष्ट हो गई। बहरहाल इस घटना के पश्चात् पीड़ित परिजनों के पास अब सर छुपाने के लिए भी जगह नहीं है और ना ही खाने के लिए उनके पास अनाज बचा है। ऐसे में पीड़ित परिवार ग्रामीणों की दया पर ही किसी प्रकार अपना पेट भरने को विवश है। घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
सदर प्रखंड अंतर्गत कटारी गांव में बीती रात्रि अगलगी की घटना में एक मजदूर परिवार की जिंदगी भर की कमाई देखते ही देखते खाक हो गयी। इस दौरान इस परिवार का आशियाना जहां धू -धू कर पूरी तरह जल गया, वही घर में रखें अनाज कपड़े समेत सारी सामग्री भी आग की भेंट चढ़ गई। जानकारी के मुताबिक दूसरे के खेतों में मजदूरी कर अपने परिवार का किसी प्रकार भरण पोषण करने वाले अरुण सिंह उनकी पत्नी इंदु देवी अपने बच्चों के साथ बीती रात्रि अपने झोपड़ीनुमा घर में सो रहे थे। इसी क्रम में जल रही डिबरी से अचानक उनकी झोपड़ी में आग लग गई देखते ही देखते परिजनों की चीखने चिल्लाने की आवाज वहां गूंजने लगी और वे लोग किसी प्रकार अपने घर से बाहर निकलने में सफल हुए। इस अगलगी की घटना में जहां परिवार के सदस्य बाल -बाल तो बच गए ,परंतु उनके घर के साथ-साथ घर में रखी सारी सामग्री जलकर खाक हो गई और मजदूर की जिंदगी भर की कमाई नष्ट हो गई। बहरहाल इस घटना के पश्चात् पीड़ित परिजनों के पास अब सर छुपाने के लिए भी जगह नहीं है और ना ही खाने के लिए उनके पास अनाज बचा है। ऐसे में पीड़ित परिवार ग्रामीणों की दया पर ही किसी प्रकार अपना पेट भरने को विवश है। घटना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
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