SHEIKHPURA: कहाँ का डीलर है गरीबो के निवाले का दुश्मन....
चन्दन कुमार/शेखपुरा।
इन दिनों शेखपुरा के पूरनकामा गांव के डीलर गरीबो के निवाले का दुश्मन बन बैठे है तो फिर गरीबो का कैसे भरे पेट ?
सदर प्रखंड अंतर्गत रामरायपुर एवं पूरनकामा गांव से दर्जनों की तादाद में ग्रामीण अनुमंडल कार्यालय के समक्ष पहुंच कर डीलर की मनमानी के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया। मौके पर दर्जनों की तादाद में महिलाओं के साथ -साथ पुरुषों में दशरथ प्रसाद, गणेशराम, सुराजी दास, शरण दास, शकुंतला देवी,प्रमिला देवी, निर्मला देवी, गुलाबी देवी समेत अन्य ने कहा कि पूर्व में उनका डीलर शिवालक पासवान था। जिसे निलंबित कर दिया गया और फिलहाल उनका डीलर पूरनकामा गांव का शिव शंकर प्रसाद है। परंतु इसके बाबजूद डीलर राशन किरासन का वितरण स्वयं नहीं करते हैं बल्कि पूर्व डीलर शिवबालक पासवान से ही वितरण कराया जाता है और इस वितरण में बड़े पैमाने पर लाभुकों के साथ धांधली की जाती है। उन्होंने कहा कि अक्सर 2 महीने में 1 महीने का ही राशन.किरासन देकर लाभुकों को बरगला दिया जाता है तथा 1 महीने का राशन अक्सर गायब कर दिया जाता है। कई लाभुकों को तो 1 महीने का राशन देकर उससे 2 महीने का दस्तखत करवा लेता है। इस मामले में विरोध करने पर लाभुकों को उसके द्वारा धमकी भी दी जाती है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने एसडीओ से जांच कर कारवाई की मांग की है। इस मामले में एसडीओ ने जांच की बात कही है।
इन दिनों शेखपुरा के पूरनकामा गांव के डीलर गरीबो के निवाले का दुश्मन बन बैठे है तो फिर गरीबो का कैसे भरे पेट ?
सदर प्रखंड अंतर्गत रामरायपुर एवं पूरनकामा गांव से दर्जनों की तादाद में ग्रामीण अनुमंडल कार्यालय के समक्ष पहुंच कर डीलर की मनमानी के खिलाफ अपना आक्रोश प्रकट किया। मौके पर दर्जनों की तादाद में महिलाओं के साथ -साथ पुरुषों में दशरथ प्रसाद, गणेशराम, सुराजी दास, शरण दास, शकुंतला देवी,प्रमिला देवी, निर्मला देवी, गुलाबी देवी समेत अन्य ने कहा कि पूर्व में उनका डीलर शिवालक पासवान था। जिसे निलंबित कर दिया गया और फिलहाल उनका डीलर पूरनकामा गांव का शिव शंकर प्रसाद है। परंतु इसके बाबजूद डीलर राशन किरासन का वितरण स्वयं नहीं करते हैं बल्कि पूर्व डीलर शिवबालक पासवान से ही वितरण कराया जाता है और इस वितरण में बड़े पैमाने पर लाभुकों के साथ धांधली की जाती है। उन्होंने कहा कि अक्सर 2 महीने में 1 महीने का ही राशन.किरासन देकर लाभुकों को बरगला दिया जाता है तथा 1 महीने का राशन अक्सर गायब कर दिया जाता है। कई लाभुकों को तो 1 महीने का राशन देकर उससे 2 महीने का दस्तखत करवा लेता है। इस मामले में विरोध करने पर लाभुकों को उसके द्वारा धमकी भी दी जाती है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने एसडीओ से जांच कर कारवाई की मांग की है। इस मामले में एसडीओ ने जांच की बात कही है।
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