SHEIKHPURA: डीएम को दिगभ्रमित करना डीपीओ को पड़ा महंगा,पांच दिन का वेतन कटा
चन्दन कुमार/शेखपुरा।
एक बैठक में डीएम को दिगभ्रमित करना जिला योजना पदाधिकारी को महंगा पड़ गया। सच्चाई जानने के बाद डीएम ने करवाई करते हुए पांच दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। इसके बाद पूरे बिभाग में हड़कंप मच गया।
दरअसल,एक बैठक में डीएम ने जिला योजना पदाधिकारी मुनीश्वर चौधरी से सांसद व विधायक की अनुसंशासित योजना के कार्यो में बिलम्ब की जानकारी मांगी थी,लेकिन अधिकारी द्वारा भूमि संबंधित कोई भी दस्तावेज नही देने का बहाना बना दिया,जबकि उनके कनीय अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने सभी भूमि संबंधित सभी दस्तावेज होने की प्रमाण डीएम को दिया तो झूठी सूचना देने के आलोक पर पांच दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। साथ ही डीएम ने सांसद व विधायक द्वारा अनुसंशासित योजनाओं पर जल्द से जल्द कार्य करने को कहा है .उन्होंने आगे कहा की कार्यो में यदि कोई समस्या आती है तो पत्राचार के माध्यम से संबंधित लोगो को सूचित करने करे। अन्यथा करवाई की जाएगी। उक्त जानकारी एडीपीआरओ योगेंद्र लाल ने दी है।
एक बैठक में डीएम को दिगभ्रमित करना जिला योजना पदाधिकारी को महंगा पड़ गया। सच्चाई जानने के बाद डीएम ने करवाई करते हुए पांच दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। इसके बाद पूरे बिभाग में हड़कंप मच गया।
दरअसल,एक बैठक में डीएम ने जिला योजना पदाधिकारी मुनीश्वर चौधरी से सांसद व विधायक की अनुसंशासित योजना के कार्यो में बिलम्ब की जानकारी मांगी थी,लेकिन अधिकारी द्वारा भूमि संबंधित कोई भी दस्तावेज नही देने का बहाना बना दिया,जबकि उनके कनीय अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने सभी भूमि संबंधित सभी दस्तावेज होने की प्रमाण डीएम को दिया तो झूठी सूचना देने के आलोक पर पांच दिन का वेतन काटने का आदेश दिया है। साथ ही डीएम ने सांसद व विधायक द्वारा अनुसंशासित योजनाओं पर जल्द से जल्द कार्य करने को कहा है .उन्होंने आगे कहा की कार्यो में यदि कोई समस्या आती है तो पत्राचार के माध्यम से संबंधित लोगो को सूचित करने करे। अन्यथा करवाई की जाएगी। उक्त जानकारी एडीपीआरओ योगेंद्र लाल ने दी है।
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