SHEIKHPURA: संपत्ति के लिये चाचा-चाची ने कोमल को सूली पर लटकाया ? पुलिस ने कहा बीमारी से हुई मौत

चन्दन कुमार/शेखपुरा। 
संपत्ति के लिये सगा चाचा-चाची अपनी भतीजी कोमल की सूली पर लटका दिया है। जिससे उसकी मौत हो गयी है। बाद में उसके शव को गंगा नदी में फेंक दिया। हालांकि इस तरह की घटना से पुलिस ने पहले अनभिज्ञता इनकार किया, फिर बाद में बताया कि बीमारी से मौत हो गयी है। घटना चेवाड़ा थाना क्षेत्र के एकाढा गांव की है।
दरअसल,कोमल की जन्म के बाद उसके पिता विनय सिंह की मौत हो गयी थी उसके बाद उसकी माँ भी विक्षिप्त हो गयी। जब कोमल 6 वर्ष की थी,तब उसके चाचा-चाची ने सम्पति हड़पने की नीयत से कोमल और उसकी माँ को रेलवे स्टेशन के समीप मरने के लिए छोड़ दिया था,उसके बाद उसके नैनिहाल वाले को जानकारी मिली उसका खोजबीन कर वापस लाया। पंचायती के बाद पुनः उसी घर मे रहने लगी। होश संभालते ही कोमल ने पढ़ाई में इंटर की शिक्षा हासिल की और अपने संपत्ति को अपने कब्जे में करने को लेकर कई बार अपने नैनिहाल वालो से बात की। यह बात उसके चाचा विपिन सिंह और उसके चाची को नागवार गुजरा और 22 जून की देर रात सोये अवस्था मे उसे सूली पर लटका दिया और थानाध्यक्ष से मैनेज कर उसके शव को गंगा नदी में बहा दिया।
लखीसराय के हसनपुर मुहल्ले के रहने वाले उसके मामा अनिल सिंह ने बताया कि जब कोमल की मौत खबर मिली तो सभी लोग गांव पहुंचे ,लेकिन उसके चाचा ने गांववालो की मदद से सभी लोगो को भगा दिया। जब सभी लोग चेवाड़ा थाना पहुंचे तो पुलिस ने भी डाँट-डपटकर भगा दिया। बाद में जब शव को जलाने के लिए बाढ़ ले जाया गया,तब उसके नैनिहाल के दर्जनों लोग पहुंचे तो आनन-फानन में सभी लोग शव नदी में फेंक कर भाग खड़े हुए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सम्पति की हड़पने की नीयत से कोमल की एक साजिश के तहत सूली पर लटका दिया है।
थानाध्यक्ष राजकिशोर प्रसाद ने पहले तो पत्रकारों के पूछे जाने पर मामले में अनभिज्ञता जाहिर किया,जब मीडिया द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद थानाध्यक्ष ने बताया कि कल शाम को सूचना मिली थी,लेकिन शव को लोगो द्वारा जलाने को ले जा चुका था। हालांकि पंचायत के मुखिया सहित अन्य लोगो ने बताया कि उसकी मौत बीमारी के कारण हुई है। बाद में फिर पुलिस ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि पुलिस का अब यही कार्य बच गया है बिना मतलब के केस करते चले।
गौरतलब है कि कोमल अपनी माँ की एकलौती संतान थी और उसकी माँ भी विक्षिप्त थी। कोमल की हत्या के बाद उसके सम्पति का हिस्सा उसके चाचा-चाची को मिलता। इस घटना को एक सोची समझी साजिश के तहत कोमल के चाचा-चाची ,पंचायत के मुखिया ,थानाध्यक्ष आदि ने अंजाम दिया है और इनकी भूमिका को भी इनकार नही किया जा सकता है।

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